शिक्षा के माध्यम से राष्ट्र की संस्कृति का संरक्षण, संवर्धन एवं हस्तान्तरण है। छात्र/छात्रा शिक्षा के माध्यम से ही अपने व्यक्तित्व का विकास तथा राष्ट्रीय संस्कृति को ग्रहण कर सकते हैं। शिक्षा हमारे अन्तर्निहित अज्ञान रूपी अंधकार को दूर कर ज्ञानरूपी प्रकाश को प्रज्जवलित करती है। यह व्यक्ति को सभ्य एवं सुसंस्कृत बनाने का एक सशक्त माध्यम है। यह हमारी अनुभूति एवं संवेदनशीलता को प्रबल करती है तथा वर्तमान एवं भविष्य के निर्माण का अनुपम स्रोत है। आज का मानव अपने मानवीय मूल्यों के प्रति विमुख हो चुका है। परम्परागत आदर्श समाप्त होते प्रतीत हो रहे हैं। हमारे आदर्श एवं विश्वास समाज में अनुपस्थित होते जा रहें हैं। ऐसी स्थिति में उचित शिक्षा ही हमारे मूल्यों को विकसित करने में सार्थक कदम उठा सकती है। शिक्षा हमारे वांछित शक्ति का विकास करती है। इसके आधार पर ही अनुसंधान और विकास को बल मिलता है। यह हमारी संवेदनशीलता और दृष्टि को प्रखर करती है। इससे वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास होता है तथा समझ एवं चिन्तन में स्वतंत्रता आती है। एक प्रकार से शिक्षा राष्ट्रीय आत्मनिर्भरता एवं मनुष्य के सर्वागीण विकास की आधारशीला है।
Promod Yadav
( Principal)
Dr. Ram Naresh P.G.College
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डा० राम मनोहर लोहिया एजूकेशनल विद्या ट्रस्ट ने इस महाविद्यालय की स्थापना के समय ही शिक्षा के जिस विशाल वट वृक्ष की कल्पना की थी वह इस महाविद्यालय के आरम्भ होने से साकार हो गयी। इस महाविद्यालय में उत्तम अध्ययन अध्यापन, आदर्श अनुशासन, अत्यन्त शान्त वातावरण एवं मुख्य उद्देश्य उत्तम शैक्षिक व्यवस्था देना है। इस महाविद्यालय में स्नातक (बी०ए० बी०एससी० बी०काम०) एवं स्नातकोत्तर (एम०ए० एम०एससी०) एवं डी.एल.एड. (बी.टी.सी.) शिक्षण कार्य के साथ-साथ राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय द्वारा संचालित विभिन्न प्रकार के पाठ्यक्रम संचालित होंगे।
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